नवाचार का प्रबंधन और आर्थिक क्षेत्र में है अहम योगदान : प्रोफेसर ढींडसा
नई शिक्षा नीति का भारत को विकसित करने में रहेगा विशेष योगदान : प्रोफेसर कर्मपाल नरवाल
सिरसा 26 फरवरी 2024 : जन नायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ में स्थित जेसीडी इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट ने कॉन्फ्रेंसवर्ल्ड के सहयोग से प्रबंधन, अनुसंधान, विज्ञान, इंजीनियरिंग, शिक्षा और मानविकी में विषयों को जोड़ने के उद्देश्य से एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “ग्लोबल सिनर्जी समिट” का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक प्रोफेसर डॉ. कुलदीप सिंह ढींढसा जी ने की। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में गुरु जम्भेस्वर यूनिवर्सिटी के हरियाणा स्कूल ऑफ़ बिज़नेस के डीन प्रोफेसर करम पाल नरवाल रहे। सम्मेलन में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय वक्ता शामिल हुए, जिनमें नाइजीरिया कडुना स्टेट यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग के पूर्व महासचिव प्रोफेसर अब्दुल्लाई अबुबकर, सऊदी अरब से प्रोफेसर विपिन कुमार और वेस्को इंटरनेशनल, अमेरिका में सीनियर लीड एंटरप्राइज आर्किटेक्ट श्री नरेंद्र चिंथामु शामिल हुए। अत्याधुनिक अनुसंधान और वैश्विक परिप्रेक्ष्य पर उनकी प्रस्तुतियाँ अत्यधिक ज्ञानवर्धक थीं। कार्यक्रम का आयोजन जेसीडी आईबीएम की प्राचार्या डॉ. हरलीन कौर के नेतृत्व में हुआ।
कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने बताया की व्यावहारिक चर्चाएँ और प्रस्तुतियाँ निस्संदेह वैश्विक शैक्षणिक समुदाय में ज्ञान और नवाचार की उन्नति में योगदान देंगी। नवाचार आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में एक मूल्य जोड़ने वाली नवीनता का उत्पादन या स्वीकृति, परिपाक और दोहन है; उत्पादों, सेवाओं, और बाजारों का नवीनीकरण और विस्तार है; उत्पादन की नयी पद्धतियों का विकास है; और नये प्रबंध तंत्रों का स्थापन है। उन्होंने कहा कि नवाचार के द्वारा वर्तमान विधियों और परिस्थितियों में सुधार लाने का प्रयास किया जाता हैं । शिक्षा में नवाचार के माध्यम से नवीनतम तकनीक को महाविद्यालयों में पहुचाया जाता हैं । नवीन शिक्षण तकनीकी के माध्यम से विद्यार्थियो का सर्वांगीण विकास सम्भव होता हैं।
मुख्य अतिथि डॉक्टर कर्मपाल नरवाल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पहुंच, समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही के स्तंभों पर आधारित है। इस नीति का उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना है जो सभी नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके और भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में विकसित करके देश के परिवर्तन में सीधे योगदान दे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्कूल और उच्च शिक्षा में छात्रों की मदद करने के लिए आवश्यक सुधार प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों के समग्र विकास यानि ज्ञान के साथ साथ उनके संज्ञानात्मक, सामाजिक, स्वास्थ्य और कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा।
इसके साथ ग्लोबल सिनर्जी शिखर सम्मेलन में आये विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और पेशेवरों के बीच भी विचारों और सहयोग का आदान-प्रदान हुआ। जिन्होने अपने अपने छेत्र हो रहे वर्तमान परिवर्तनों पर प्रकाश डाला। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 50 से अधिक शोधकर्ताओं ने अपना शोध प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रणदीप कौर और डॉ. मुनेश कुमार के साथ जेसीडी आईबीएम के समसस्त स्टाफ ने सम्मेलन के विभिन्न पहलुओं के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।