गुरु अर्जुन देव जी आध्यात्मिक चिंतक एवं उपदेशक के साथ थे समाज सुधारक : प्रोफेसर ढींडसा
सिरसा,16 जून 2023: जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में सिखों के 5वें गुरु और शहीदों के सरताज एवं शान्तिपुंज गुरु अर्जुन देव जी की जयंती पर और विद्यार्थियों को समाज सेवा और मानव भलाई के प्रति जागरूक करने के लिए मैनेजमेंट के विद्यार्थियों द्वारा ठंडे और मीठे पानी की छबील लगाई गई, जिसमें विद्यार्थियों और स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। इस शुभ अवसर पर सभी कॉलेजों के प्राचार्यों ने अपना श्रमदान किया और विद्यार्थियों को इस कार्य में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान जेसीडी आईबीएम की कार्यकारी प्राचार्या डॉक्टर हरलीन कौर के इलावा जेसीडी कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ जयप्रकाश, जेसीडी कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्राचार्या डॉक्टर अनुपमा सेतिया ,जेसीडी मेमोरियल कॉलेज की प्राचार्या डॉक्टर शिखा गोयल , इंजीनियरिंग के प्राचार्य डॉ राजेश गर्ग मौजूद रहे ।जेसीडी बिजनेस मैनेजमेंट की प्राचार्या डॉक्टर हरलीन कौर ने सभी का स्वागत व आभार व्यक्त किया।
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Guru Arjun Dev Ji was a social reformerSee images »
इस मौके पर जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ कुलदीप सिंह ढींडसा ने कहा कि नैतिक और सामाजिक शिक्षा के संदर्भ में परोपकार के भाव का महत्त्व सबसे ज्यादा है, जिस विद्यार्थी के मन में परोपकार की भावना बलवती है वह समाज के लिए अमूल्य संपत्ति के समान है । डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि सेवा भाव से युक्त विद्यार्थी ही देश का अच्छा नागरिक बन पाता है और वह देश के लिए एक एसेट की तरह काम करता है। उन्होंने जेसीडी बिजनेस मैनेजमेंट के विद्यार्थियों को इस नेक कार्य के लिए बधाई दी। प्रोफेसर ढींडसा ने कहा कि गुरु अर्जुन देव जी आध्यात्मिक चिंतक एवं उपदेशक के साथ ही समाज सुधारक भी थे। गुरु अर्जन देव जी ने ‘तेरा कीआ मीठा लागे/ हरि नाम पदारथ नानक मागे’ शबद का उच्चारण करते हुए अमर शहीदी प्राप्त की। अपने जीवन काल में गुरुजी ने धर्म के नाम पर आडंबरों और अंधविश्वास पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने बताया कि मुगल शासक जहांगीर के आदेश के मुताबिक, गुरु अर्जुन देव को पांच दिनों तक तरह-तरह की यातनाएं दी गईं, लेकिन उन्होंने शांत मन से सबकुछ सहा। अंत में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि संवत् 1663 (30 मई, सन् 1606) को उन्हें लाहौर में भीषण गर्मी के दौरान गर्म तवे पर बिठाया। उनके ऊपर गर्म रेत और तेल डाला गया।उनका बलिदान इतिहास में सदा याद रखा जाएगा।
प्राचार्य डॉक्टर हरलीन कौर ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि पहले भी जेसीडी विद्यापीठ के कॉलेजेस की तरफ से समय समय पर ऐसी सामाजिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता रहा है जिसका मकसद विद्यार्थियों को समाज सेवा और मानव भलाई के प्रति जागरूक करना और उनके अंदर अच्छे मूल्यों का विकास करना है। डॉ हरलीन कौर ने भी काफी समय विद्यार्थियों के साथ बिताया और उनकी हौसला अफजाई की। वहीं विद्यार्थी भी इस दौरान काफी खुश नजर आए और सब को मीठा और शीतल जल वितरित करके उन्होंने काफी सकारात्मक महसूस किया।