भारत के संविधान की रक्षा करना हमारी जिम्मेवारी : डॉ.आर.आर.मलिक
देशभक्ति गीतों ने किया देशभक्ति से ओतप्रोत, जेसीडी विद्यापीठ में धूमधाम से मनाया गया 69वां गणतंत्र दिवस
जेसीडी विद्यापीठ में 69वें गणतन्त्र दिवस के उपलक्ष्य में ध्वजारोहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यापीठ के शैक्षणिक निदेशक डॉ.आर.आर.मलिक ने बतौर मुख्यातिथि उपस्थित होकर जेसीडी विद्यापीठ के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यगणों एवं अन्य अधिकारियों सहित ध्वजारोहण किया गया। उनके साथ इस मौके पर डॉ.जयप्रकाश, डॉ.विनय लाठर, डॉ.प्रदीप स्नेही, डॉ.अरिंदम सरकार, जेसीडी के रजिस्ट्रार श्री सुधांशु गुप्ता के अलावा अन्य अधिकारियों के अलावा समस्त कॉलेजों के कैम्पस में रहने वाले प्राध्यापकगण एवं सफाई कर्मचारी, माली एवं सिक्योरिटी गॉर्ड के अलावा अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी सुरक्षा कर्मियों एवं अन्य द्वारा तिरंगे को सेल्यूट करके सलामी दी गई। इस कार्यक्रम का मंच संचालन जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के डॉ.राजेन्द्र कुमार द्वारा किया गया।
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बतौर मुख्यातिथि अपने संबोधन में सर्वप्रथम डॉ.आर.आर.मलिक ने सभी को 69वें गणतन्त्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमें हमारे क्रांतीकारी वीरों एवं शहीदों द्वारा दिए गए बलिदान को सदैव स्मरण रखना चाहिए क्योंकि हमें इस आजादी में जीने के लिए अनेक लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने जेसीडी विद्यापीठ के बारे में कहा कि यह हमारा एक परिवार है तथा परिवार के सभी लोगों की आपस में एक जिम्मेवारी बनती है, जिसे सभी को पुरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ निभाना चाहिए ताकि परिवार को मजबूती प्राप्त हो सके। डॉ.मलिक ने इस मौके पर उपस्थितजनों से कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम एक ऐसे संस्थान में कार्यरत्त हैं, जो चौ.देवीलाल के नाम से है। चौ.देवीलाल जी का सपना था कि वे सिरसा जैसे शिक्षा में पिछड़े इलाके में शिक्षा की अलख जगा सकें तथा इसीलिए उन्होंने सिरसा में जेसीडी विद्यापीठ की स्थापना करवाई ताकि यहां के विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम कर सकें। उन्होंने बताया कि चौ. देवीलाल जी ने भी अपने प्रयासों द्वारा प्रत्येक वर्ग के लिए लड़ाई लड़ी तथा उन्हें उनका हक दिलवाया था इसलिए लोग उनको कभी भूला नहीं सकते। उन्होंने अपने संबोधन में भारतीय संविधान के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए भारतीय संविधान की रक्षा करने का भी आह्वान किया। डॉ.मलिक ने कहा कि समता या बराबरी के इस आदर्श ने आजादी के साथ प्राप्त हुए स्वतंत्रता के आदर्श को पूर्णता प्रदान की। एक तीसरा आदर्श हमारे लोकतंत्र निर्माण के सामूहिक प्रयासों को और हमारे सपनों के भारत को सार्थक बनाता है, वो है बंधुता और भाईचारे का आदर्श। उन्होंने इस मौके पर यह भी बताया कि हमारे संविधान को तैयार करने में समिति को 2 साल ग्यारह महीने और 18 दिन का समय लगा था। उन्होंने इस कार्यक्रम के सफलतम आयोजन के लिए सभी अधिकारियों, कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों व अन्य का आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर जेसीडी विद्यापीठ स्पोर्ट्स अधिकारी अमरीक सिंह गिल, महेन्द्र प्रताप, रविन्द्र झींझा, ललित गिरधर के अलावा समस्त सिक्योरिटी इंचार्ज एवं अधिकारीगण व विभिन्न कॉलेजों के स्टाफ सदस्य, विद्यार्थीगण व अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।