जेसीडी विद्यापीठ में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
योग दिवस बनाने का उद्देश्य युवाओ के बीच योग को लोकप्रिय बनाना एवं संस्कृति से जोडऩा : डॉ.शमीम शर्मा
अधिकारियों, कर्मचारियों एवं अन्य ने विभिन्न योगासनों एवं क्रियाओं को करके दिया संस्कृति के प्रति समर्पण का संदेश
जब सम्पूर्ण राष्ट्र योगमय हो रहा था तो भला सामाजिक कार्यों में अग्रणी रहने वाली संस्था जेसीडी विद्यापीठ कैसे पीछे रह सकती थी। शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित सभी संस्थानों के संयुक्त त्तवावधान में एक दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं को योग की महत्ता एवं आम जीवन में इसकी उपयोगिता के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई। इस योग शिविर में जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करके स्वयं भी योगक्रियाओं को करके सभी को प्रोत्साहित किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक डॉ.जयप्रकाश ने सर्वप्रथम आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि योग हमारी जीवनशैली में काफी महत्व रखता है तथा इससे एक नवीन ऊर्जा का संचार होता है और हम व्यस्त समय के बावजूद अपने आपको चिंतामुक्त रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब पूरी मानव जाति योग की महत्ता को समझ रही है। योग एक विज्ञान है और इसके सिद्धांत पूरी दुनिया के लिए सम्मान योग्य है। आज की दुनिया में लोग जहां आर्थिक रूप से संपन्न हुए हैं वहीं लोगों में अशांति भी बढ़ी है इसलिए योग की जरूरत आज पहले से कहीं ज्यादा है।
इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि डॉ.शमीम शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि योग दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य भारत के प्राचीन योगाभ्यास को नयी पीढ़ी के युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाना एवं योग के फायदों के बारे में जागरूक करना है। माना जाता है कि योग के दैनिक अभ्यास से शारीरिक बीमारियां एवं मानसिक तनाव दूर हो जाते हैं। योग हमारे शरीर के लिए सबसे लाभदायक है इसलिए हमें चाहिए कि हमें इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। डॉ.शर्मा ने बताया कि योग से आंतरिक शांति व खुशी की प्राप्ति होती है तथा योग केवल एक आसन न होकर यह जीवन जीने का एक बेहतर तरीका है। शरीर, मन व आत्मा में संतुलन बनाने के लिए यह बहुत जरूरी है इसीलिए लोग किसी भी व्यवसाय या कार्य में हो पर वे योग से जुड़कर अपने जीवन में परिवर्तन लायें। उन्होंने बताया कि योग के माध्यम से पूरे विश्व में शांति और सौहाद्र्र का वातावरण निहित होता है। हालांकि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं। योग शब्द संस्कृत भाषा के ‘युज’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है जुडऩा या एक होना। एक होने का अर्थ है व्यक्ति के आत्म का ब्रह्मांड की चेतना या सार्वभौमिक आत्मा के साथ जुडऩा। मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमता का खुलासा करने वाला यह गहन विज्ञान है, योगविज्ञान में जीवनशैली का पूर्ण सार आत्मसात किया गया है। उन्होंने कहा कि योग को हमें दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए जिससे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है। योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है। योग के जरिए न सिर्फ बीमारियों का निदान किया जाता है, बल्कि इसे अपनाकर कई शारीरिक और मानसिक तकलीफों को भी दूर किया जा सकता है। योग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर शरीर को शक्तिशाली एवं लचीला बनाए रखता है साथ ही तनाव से भी छुटकारा दिलाता है।
इस एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर योग गुरु मुकेश कुमार ने जेसीडी विद्यापीठ के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं एवं अन्य स्टॉफ सदस्यों को योग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देने के साथ-साथ योग भी करवाया तथा इसमें समस्त उपस्थितजनों द्वारा ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन, वज्रासन, मकरासन, कपाल-भाती एवं अनुलोम-विलोम इत्यादि आसनों एवं क्रियाओं को किया गया, जिसमें सभी ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए योग क्रियाओं एवं आसनों को किया।
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Celebration of International Yoga Day – JCD Vidyapeeth, Sirsa – 21/06/2019See images »
इस मौके पर प्रोफेसर डॉ.राजेंद्र कुमार द्वारा मुख्यातिथि महोदया एवं अन्य सभी का धन्यवाद किया गया। उन्होंने कहा कि हमें योग को अपनाना चाहिए क्योंकि यह शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी पुष्ट करने में सहायक है इसीलिए हम कह सकते हैं कि योग दिवस समस्त मानवता के कल्याण का एक अद्भुत आयोजन है। उन्होंने कहा कि आज के आपाधापी भरी जीवनशैली में योग को अपनाना अतिआवश्यक हो गया है क्योंकि योग एक ऐसी क्रिया है जो हमारी संस्कृति एवं परम्परा को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि हम अपनी पारम्परिक संस्कृति को छोड़कर पाश्चात्यता को अपना रहे हैं, जिसके कारण अनेकों बीमारियों के शिकार होते जा रहे हैं।
इस कार्यक्रम के अंत में मुख्यातिथि महोदया द्वारा प्रशिक्षकों को समृति चिहृन प्रदान करके सम्मानित किया गया, इस मौके पर विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्य डॉ.जयप्रकाश, डॉ.कुलदीप सिंह, डॉ.राजेश्वर चावला, डॉ.दिनेश कुमार गुप्ता, इंजी.आर.एस.बराड़, डॉ.अनुपमा सेतिया, डॉ राजेंद्र कुमार, डॉ.अरिंदम सरकार के अलावा जेसीडी विद्यापीठ के रजिस्ट्रार श्री सुधांशु गुप्ता व शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ तथा छात्र एवं छात्राएं भी उपस्थित रहे।