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Extension Lecture at JCD IBM College

जेसीडी आईबीएम कॉलेज में विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित
चौ.देवीलाल विश्वविद्यालय के डॉ.शैलेन्द्र हुड्डा ने प्रदान की विद्यार्थियों को रिस्पोन्सवल्टी अकाऊंटिंग सम्बन्धी विस्तारपूर्वक जानकारी

जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित बिजनेस मैनेजमेंट कॉलेज में शुक्रवार को विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में चौ.देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के कॉमर्स विभाग के डॉ.शैलेन्द्र हुड्डा ने ‘लेखांकन उत्तरदायित्व’ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जेसीडी आईबीएम कॉलेज की कार्यकारी प्राचार्या श्रीमती हरलीन कौर द्वारा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता एवं अन्य गणमान्य लोगों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।

इस मौके पर श्रीमती हरलीन कौर ने अपने संबोधन में मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए बताया कि जेसीडी विद्यापीठ में समय-समय पर ऐसे आयोजनों को करवाया जाता है ताकि विशेषज्ञों के माध्यम से विद्यार्थियों को बेहतर ज्ञान प्रदान किया जा सके तथा नवीन जानकारियां उपलबध करवाई जा सके। उन्होंने डॉ. हुड्डा का इस व्याख्यान हेतु पधारने पर हार्दिक आभार प्रकट करते हुए उनका अभिनंदन किया। वहीं उन्होंने जेसीडी विद्यापीठ के चेयरमैन श्री दिग्विजय सिंह चौटाला, प्रबंधन समन्वयक इंजी.आकाश चावला, शैक्षणिक निदेशक डॉ.आर.आर.मलिक एवं अन्य अधिकारियों का समय-समय पर ऐसे आयोजनों हेतु मार्गदर्शन करने के लिए आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर अपने वक्तव्य में डॉ.शैलेन्द्र हुड्डा ने इस कार्यक्रम में उपस्थित जेसीडी आईबीएम के बीबीए एवं एमबीए के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह आपका सौभाग्य है कि आपको एक हरा-भरा तथा बेहतर संस्थान में शिक्षण तथा शिक्षा अर्जित करने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में हमारी सोच बदल रही है तथा वर्तमान समय में सम्पूर्ण विषयों में डिजिटलाईजेशन के माध्यम से सुगमता आ गई है। उन्होंने इस मौके पर उत्तरदायित्व लेखांकन के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि यह लेखांकन नियंत्रण की ऐसी प्रणाली है जिसमें लागतों के नियंत्रण के लिए उत्तरदायित्व निर्दिष्ट कर दिए जाते हैं तथा लागत नियंत्रण हेतु व्यक्तियों को उत्तरदायी बनाया जाता है एवं सम्बन्धित व्यक्तियों को सम्पूर्ण अधिकार दिए जाते हैं ताकि वे अपने कार्य प्रदर्शन या निष्पादन को बनाए रखें। उदाहरणार्थ यदि किसी विभाग के प्रबंधक अपने विभाग के लिए लागत बजट तैयार करते हैं तो उन्हें ही बजटों को नियंत्रण के अधीन बनाये रखने के लिए उत्तरदायी बनाया जाएगा। अत: यह स्पष्ट है कि अन्य नियंत्रण युक्तियों का उपयोग एक संगठन के लिए समग्र या सम्पूर्ण रूप से किया जाता है जबकि उत्तरदायी लेखांकन किसी संगठन के विभिन्न प्रभागों के निष्पादन के माप की विधि का प्रतिनिधित्व करता है। डॉ.हुड्डा ने कांसैप्टेवल एवं प्रैक्टिकल फ्रेमवर्क अकाउंटिंग बारे भी जानकारी प्रदान की। उन्होंने बेसिक से प्रारंभ करते हुए विभिन्न सोपानों के बारे में भी बताया तथा विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत किया।

इस मौके पर जेसीडी आईबीएम कॉलेज के बीबीए एवं एमबीए के सभी विद्यार्थियों के अलावा अन्य गणमान्य लोग तथा समस्त स्टाफ सदस्य भी मौजूद रहे।

About JCD Institute of Business Management

Established in the year 2002 under the aegis of the Ch. Devi Lal Memorial Trust, Jan Nayak Chaudhary Devi Lal (JCD) Vidyapeeth Sirsa is emerging rapidly as a Centre of excellence in learning and innovation, driven by social sensitivity and State-of-Art technology.

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JCD Institute of Business Management
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